15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस
आज हवा में उड़ता तिरंगा प्यारा,
लहराता है गर्व से, नभ का न्यारा।
15 अगस्त, दिन आजादी का,
भारत माँ के गीत सच्चाई का।
खून से सींचा, सपनों से बुना,
शहीदों का बलिदान, न कभी जाए सुना।
गांधी, रानी, भगत, आजाद की गूंज,
हर दिल में बस्ती, स्वतंत्रता की धुन।
लाल किले से गूंजे देश का नारा,
एकता, शांति, प्रेम का आधार सारा।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई भाई,
सब मिलकर गाएँ, भारत की जय-जयकार।
आजादी का यह पर्व, संकल्प हो नया,
न्याय, समानता, प्रगति हो सदा।
आओ मिलकर कसम खाएँ हम,
भारत को बनाएँ, सशक्त, वंदे मातरम्।
जय हिंद, जय भारत, गीत गाएँ,
15 अगस्त की खुशी, दिल में सजाएँ!
दूसरी कविता
स्वतंत्रता का उत्सव: 15 अगस्त
तिरंगा लहराए, नीले गगन में,
स्वतंत्रता की गाथा, गूँजे वतन में।
15 अगस्त, गर्व का दिन है,
भारत माँ का, हर सपूत का दिन है।
शहीदों की चिताओं से उठी ज्वाला,
आजादी की राह में, बनी मशाला।
सुभाष, लक्ष्मी, रानी, वीरों की टोली,
हर कदम पर लिख दी, अमर कहानी अनघट बोली।
लाल, सफेद, हरे रंग की शान,
अशोक चक्र बने, देश का सम्मान।
भाईचारे का सन्देश लिए,
हर दिल को जोड़े, एक सूत्र में लिए।
आज कसम खाएँ, हम सब मिलकर,
नफरत मिटाएँ, प्यार को सिलकर।
प्रगति की राह पर, चलें अडिग मन,
भारत बनाएँ, विश्व का सुमन।
जय हिंद, जय भारत, गूँजे नारा,
15 अगस्त का, गर्व हमारा!
0 Comments