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कब्ज से छुटकारा: 10 प्रभावी घरेलू उपाय और आहार टिप्स - kabj ka ilaj in hindi gharelu nuskhe

कब्ज (Constipation) को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय और आहार संबंधी सुझाव निम्नलिखित हैं। ये उपाय प्राकृतिक और प्रभावी हैं, लेकिन यदि कब्ज पुराना या गंभीर है, तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।



घरेलू उपाय


पानी अधिक पिएं
:
  • दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीना कब्ज को कम करने में मदद करता है। पर्याप्त पानी मल को नरम बनाता है और पाचन को बेहतर करता है।
  • सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से आंतों की गतिविधि बढ़ती है।

फाइबर युक्त आहार
:
  • फाइबर मल को नरम और भारी बनाता है, जिससे मल त्याग आसान होता है।
  • घुलनशील फाइबर: ओट्स, सेब, गाजर, चिया सीड्स।
  • अघुलनशील फाइबर: साबुत अनाज, हरी सब्जियां, चोकर (bran)।

गुनगुने पानी में नींबू और शहद
:
  • सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है और कब्ज में राहत मिलती है।

आलूबुखारा (Prunes)
:
  • आलूबुखारा प्राकृतिक रेचक (laxative) है। इसमें फाइबर और सोर्बिटोल होता है, जो मल को नरम करता है। रोजाना 4-5 आलूबुखारे खाएं।

त्रिफला चूर्ण
:
  • आयुर्वेद में त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) कब्ज के लिए बहुत प्रभावी है। रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।

ईसबगोल (Psyllium Husk)
:
  • ईसबगोल फाइबर का अच्छा स्रोत है। एक चम्मच ईसबगोल को गुनगुने पानी या दूध के साथ रात को लें। यह मल त्याग को आसान बनाता है।

हल्का व्यायाम
:
  • रोजाना 20-30 मिनट पैदल चलना, योग (जैसे पवनमुक्तासन, भुजंगासन) या हल्का व्यायाम आंतों की गतिविधि को बढ़ाता है।

अलसी (Flaxseeds)
:
  • एक चम्मच भुनी हुई अलसी के बीज चबाएं या पानी के साथ लें। यह फाइबर और ओमेगा-3 से भरपूर होता है।

गर्म दूध और घी
:
  • रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच देसी घी मिलाकर पीने से आंतों में चिकनाहट बढ़ती है और कब्ज में राहत मिलती है।

अदरक और सौंफ
:
  • अदरक की चाय या सौंफ को पानी में उबालकर पीने से पाचन बेहतर होता है। खाने के बाद सौंफ चबाना भी फायदेमंद है।

कब्ज में क्या खाना चाहिए?


फल
:
  • पपीता, सेब (छिलके सहित), नाशपाती, कीवी, अमरूद, संतरा, और आलूबुखारा।
  • पपीता में पपैन एंजाइम होता है, जो पाचन को बेहतर करता है।

सब्जियां
:
  • पालक, ब्रोकली, गोभी, गाजर, लौकी, और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां।
  • ये फाइबर से भरपूर होती हैं और आंतों को साफ रखती हैं।

साबुत अनाज
:
  • जई (Oats), ब्राउन राइस, साबुत गेहूं की रोटी, और दलिया।
  • रिफाइंड अनाज (जैसे मैदा) से बचें।

दालें और बीन्स
:
  • मूंग दाल, छोले, राजमा, और मसूर दाल। इन्हें हल्का पकाकर खाएं ताकि पचने में आसानी हो।

प्रोबायोटिक्स
:
  • दही, छाछ, या प्रोबायोटिक ड्रिंक्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जो पाचन को बेहतर करते हैं।

नट्स और बीज
:
  • बादाम, अखरोट, चिया सीड्स, और अलसी के बीज। इन्हें सीमित मात्रा में लें।

कब्ज में क्या नहीं खाना चाहिए?

  • प्रोसेस्ड फूड: मैदा, फास्ट फूड, तले हुए खाद्य पदार्थ।
  • कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ: सफेद चावल, सफेद ब्रेड।
  • अधिक चीनी और वसा युक्त भोजन: मिठाइयां, चॉकलेट, और भारी डेयरी उत्पाद।
  • कम पानी पीना: डिहाइड्रेशन कब्ज को बढ़ाता है।
  • अल्कोहल और कैफीन: ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं।

जीवनशैली में बदलाव

  • नियमित समय पर खाना: रोज एक निश्चित समय पर भोजन करें और रात का खाना हल्का रखें।
  • शौच का समय निश्चित करें: सुबह शौच जाने की आदत डालें और जल्दबाजी न करें।
  • तनाव कम करें: तनाव कब्ज को बढ़ा सकता है। ध्यान, योग, या गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।

कब डॉक्टर से मिलें?

  • यदि कब्ज 2-3 हफ्तों से अधिक समय तक रहे।
  • मल में खून, गंभीर दर्द, या वजन घटना जैसे लक्षण दिखें।
  • घरेलू उपायों से कोई राहत न मिले।

इन उपायों को अपनाकर आप कब्ज से राहत पा सकते हैं। यदि आपकी कोई विशिष्ट स्थिति है, तो अपने आहार और उपायों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार समायोजित करें।

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