नन्द के आनंद भयो: जय कन्हैया लाल की - जन्माष्टमी 2025 भक्ति भजन - Shree Krishna Bhajan
“नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” एक बहुत ही लोकप्रिय भक्ति भजन है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी को व्यक्त करता है। यह भजन विशेष रूप से जन्माष्टमी के अवसर पर गाया जाता है। इस भजन के कई संस्करण प्रचलित हैं, और अलग-अलग क्षेत्रों में इसे थोड़े-थोड़े बदलाव के साथ गाया जाता है। नीचे इसका एक पूर्ण और सामान्य संस्करण दिया जा रहा है, जो गुजरात, उत्तर भारत और अन्य स्थानों में प्रचलित है:
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।
बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की।
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की।
जय हो नंदलाल की, गोकुल में आनंद भयो।
अंतरा 1
माता यशोदा झूलावे, झूला लाल को।
नन्द बाबा मंगल गावे, जय कन्हैया लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।
अंतरा 2
ग्वाल-बाल सब मिल गायें, मंगलाचार।
ब्रज की नारी बधाई दे, जय कन्हैया लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।
अंतरा 3
माखन मिश्री लाल खावे, सखा संग खेलें।
राधा रानी संग नाचें, जय कन्हैया लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।
अंतरा 4
देवकी-वसुदेव आए, लाल को देखन।
मुनि-जन सिद्ध सब आए, जय कन्हैया लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।
अंतरा 5
गंगा-जमुना तट बिराजे, बृज के नंदलाल।
बंसी की धुन सुनावे, जय कन्हैया लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।
अंतरा 6
जो कोई भक्ति भाव से गावे, भजन ये प्यारा।
कान्हा उसको गले लगावे, जय कन्हैया लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।
नोट:
- यह भजन विभिन्न क्षेत्रों और परंपराओं में थोड़े बदलाव के साथ गाया जाता है। कुछ जगहों पर अतिरिक्त छंद या अलग शब्दावली हो सकती है।
- इसे अक्सर डांडिया, गरबा, या भक्ति भजनों के रूप में उत्सवों में गाया जाता है, खासकर जन्माष्टमी और नंदोत्सव के दौरान।
- भजन का मुख्य भाव यह है कि भगवान कृष्ण के जन्म से नंद बाबा का घर और पूरा गोकुल आनंद से भर गया।
आज, 16 अगस्त 2025 को जन्माष्टमी के पावन अवसर पर, इस भजन को गाकर आप भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में डूब सकते हैं। जय श्रीकृष्ण! राधे राधे!
अगर आप इस भजन का कोई खास संस्करण या क्षेत्रीय रूप चाहते हैं, या इसे सुनना चाहते हैं, तो कृपया बताएँ, मैं आपको और जानकारी दे सकता हूँ!
No comments: