भारत अमेरिका को क्या बेचता है और क्या खरीदता हैं सम्पूर्ण जानकारी - India America News
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। 2024-25 में, दोनों देशों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार (निर्यात और आयात) 131.84 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत ने अमेरिका को 86.51 बिलियन डॉलर का निर्यात किया और 45.33 बिलियन डॉलर का आयात किया। यहाँ भारत द्वारा अमेरिका को निर्यात और आयात किए जाने वाले प्रमुख उत्पादों और सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी गई है:
भारत अमेरिका को क्या बेचता है (निर्यात)?
भारत अमेरिका को विभिन्न प्रकार के उत्पाद और सेवाएँ निर्यात करता है। प्रमुख निर्यात इस प्रकार हैं:
- भारत विश्व स्तर पर परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों का एक प्रमुख निर्यातक है। इसमें पेट्रोल, डीजल, गैसोलीन, जेट ईंधन और एलपीजी शामिल हैं।
- अमेरिका इन उत्पादों की मांग में शीर्ष देशों में से एक है। भारत 40 देशों से कच्चा तेल आयात करता है, उसे रिफाइन करता है, और परिष्कृत उत्पादों को अमेरिका समेत अन्य देशों को निर्यात करता है।
- भारत अकार्बनिक रसायनों जैसे सोडा ऐश, तरल क्लोरीन, कास्टिक सोडा, लाल फास्फोरस और कैल्शियम कार्बाइड का निर्यात करता है।
- ये रसायन पेंट, ऑटोमोटिव, कागज और सफाई समाधान जैसे उद्योगों में उपयोग किए जाते हैं। अमेरिका इनके प्रमुख ग्राहकों में शामिल है।
- भारतीय चमड़े से बने पर्स, कोट, जूते, जैकेट और क्रिकेट गेंद जैसे उत्पाद अमेरिका और यूरोप में निर्यात किए जाते हैं।
- कई वैश्विक लग्जरी ब्रांड भारत से चमड़ा आयात करते हैं।
- भारत का वस्त्र उद्योग बहुत बड़ा है, और कपड़े, परिधान, और हथकरघा उत्पाद अमेरिका को निर्यात किए जाते हैं।
- हालांकि, अमेरिकी टैरिफ (जैसे हाल का 50% टैरिफ) इस क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।
- भारत जेनेरिक दवाओं का एक प्रमुख उत्पादक है, और ये दवाएँ अमेरिका में बड़े पैमाने पर निर्यात की जाती हैं।
- अमेरिका ने दवाओं को हाल के टैरिफ से छूट दी है, जिससे इस क्षेत्र पर कम प्रभाव पड़ता है।
- इलेक्ट्रॉनिक सामान, विशेष रूप से उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और कंपोनेंट्स, अमेरिका को निर्यात किए जाते हैं। ये भी टैरिफ से मुक्त हैं।
- भारत ने 2022-23 में अमेरिका को 4.56 बिलियन डॉलर के लोहे, इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पाद निर्यात किए। हालांकि, अमेरिका द्वारा स्टील (25%) और एल्यूमीनियम (10%) पर टैरिफ लगाने से इस क्षेत्र को नुकसान हो सकता है।
- भारत की आईटी और सॉफ्टवेयर सेवाएँ, जैसे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और आईटी-सक्षम सेवाएँ, अमेरिका को निर्यात का एक बड़ा हिस्सा हैं। भारतीय आईटी कंपनियाँ जैसे टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो अमेरिकी बाजार में सक्रिय हैं।
भारत अमेरिका से क्या खरीदता है (आयात)?
भारत अमेरिका से कई प्रकार के कच्चे माल, प्रौद्योगिकी और उपभोक्ता सामान आयात करता है। प्रमुख आयात इस प्रकार हैं:
- भारत अपनी तेल आवश्यकताओं का लगभग 88% आयात करता है, जिसमें अमेरिका एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है।
- 2021 तक, अमेरिका भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से सस्ता तेल मिलने के कारण इसकी हिस्सेदारी प्रभावित हुई। फिर भी, अमेरिका भारत को अधिक तेल और गैस बेचने की कोशिश कर रहा है ताकि व्यापार घाटा कम हो।
- भारत अमेरिका से उन्नत रक्षा उपकरण जैसे ड्रोन, हेलीकॉप्टर, और मिसाइल सिस्टम आयात करता है।
- दोनों देशों के बीच 2005 में शुरू हुए रक्षा सहयोग समझौते ने इस क्षेत्र में आयात को बढ़ावा दिया।
- कोल्ड ड्रिंक्स और स्नैक्स: कोका-कोला (कोक, थम्स अप, स्प्राइट), पेप्सिको (7अप, मिरिंडा, लेज, कुरकुरे) जैसे ब्रांड भारत में लोकप्रिय हैं।
- फास्ट फूड: केएफसी जैसे अमेरिकी फास्ट फूड ब्रांड भारत में बड़े पैमाने पर बिकते हैं।
- टूथपेस्ट और टूथब्रश: कोलगेट जैसे ब्रांड भी अमेरिका से आयात किए जाते हैं।
- गूगल (सर्च इंजन, क्लाउड, एंड्रॉइड), माइक्रोसॉफ्ट (सॉफ्टवेयर, Azure), और मेटा (वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम) जैसी कंपनियों की सेवाएँ और प्रौद्योगिकी भारत में बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती हैं।
- एपल के आईफोन और अन्य उत्पाद भी भारत में आयात किए जाते हैं।
- बादाम, अखरोट और अन्य ड्राई फ्रूट्स अमेरिका से आयात किए जाते हैं।
- हालांकि, अमेरिका भारत से डेयरी उत्पादों (जैसे गैर-शाकाहारी दूध) के आयात की अनुमति मांग रहा है, लेकिन भारत ने सांस्कृतिक और आर्थिक कारणों से इसे अस्वीकार किया है।
8. शिक्षा और अनुसंधान:
- अमेरिकी विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सहयोग भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
विशेष बिंदु और चुनौतियाँ:
- अमेरिका ने भारत से आयातित सामानों पर हाल ही में 50% टैरिफ लागू किया है, विशेष रूप से रूस से तेल आयात के कारण 25% पेनाल्टी सहित। इससे कपड़ा, ऑटोमोबाइल, और कृषि जैसे क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।
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