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भैंस का दूध कैसे बढ़ाए? भैंस को भोजन में क्या खिलाना चाहिए? - how to increase buffalo milk

Bhensh ka dudh kaise badhaye? भैंस का दूध बढ़ाने के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार, उचित देखभाल और स्वस्थ पर्यावरण जरूरी है। निम्नलिखित उपाय और भोजन सुझाव भैंस के दूध की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:



1. संतुलित आहार


भैंस के आहार में हरा चारा, सूखा चारा, दाना, और खनिज तत्वों का सही संतुलन होना चाहिए।


हरा चारा (Green Fodder):


  • प्रकार: बरसीम, जई, मक्का, ज्वार, लूसर्न, नेपियर घास आदि।
  • मात्रा: प्रति दिन 20-30 किलो ताजा हरा चारा, भैंस के वजन और दूध उत्पादन के आधार पर।
  • लाभ: हरा चारा प्रोटीन, विटामिन और फाइबर प्रदान करता है, जो दूध उत्पादन को बढ़ाता है।
  • सुझाव: चारे को बारीक काटकर खिलाएं ताकि पाचन आसान हो।


सूखा चारा (Dry Fodder):


  • प्रकार: भूसा (गेहूं, धान), सूखी घास।
  • मात्रा: 5-8 किलो प्रतिदिन।
  • लाभ: पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और ऊर्जा प्रदान करता है।
  • सुझाव: भूसे को भिगोकर या दाने के साथ मिलाकर खिलाएं ताकि भैंस इसे आसानी से खाए।


दाना मिश्रण (Concentrate Feed):


  • प्रकार: सरसों की खल, चोकर, गेहूं का दलिया, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली की खल, खनिज मिश्रण।
  • मात्रा: 1 किलो दाना प्रति 2-3 लीटर दूध उत्पादन के लिए। सामान्यतः 3-5 किलो प्रतिदिन।
  • लाभ: प्रोटीन, वसा और ऊर्जा की पूर्ति करता है, जो दूध की मात्रा और मलाई (fat content) बढ़ाता है।
  • सुझाव: दाना मिश्रण में 18-20% प्रोटीन और 4-5% वसा होनी चाहिए।


खनिज और विटामिन (Minerals and Vitamins):


  • खनिज मिश्रण: कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम आदि से युक्त मिनरल मिक्सचर (50-100 ग्राम प्रतिदिन)।
  • विटामिन: विटामिन A, D, और E की पूरक दवाइयां, खासकर अगर चारे में कमी हो।
  • लाभ: दूध उत्पादन और भैंस की प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है।
  • सुझाव: पशु चिकित्सक से सलाह लेकर मिनरल मिक्सचर और विटामिन सप्लीमेंट दें।


2. पानी की उपलब्धता


  • मात्रा: भैंस को दिन में कम से कम 60-80 लीटर साफ और ताजा पानी चाहिए।
  • सुझाव: पानी नियमित अंतराल पर उपलब्ध कराएं, खासकर दाना और चारा खिलाने के बाद।
  • लाभ: पर्याप्त पानी पाचन को बेहतर बनाता है और दूध उत्पादन में मदद करता है।


3. आहार में विशेष सामग्री


  • नमक: 30-50 ग्राम प्रतिदिन (चाटने वाला नमक या दाने में मिलाकर)।
  • गुड़: 100-200 ग्राम गुड़ या शीरा दाने में मिलाकर खिलाएं, जो ऊर्जा बढ़ाता है।
  • प्रोबायोटिक्स और पूरक: पाचन सुधारने और दूध बढ़ाने के लिए प्रोबायोटिक्स या आयुर्वेदिक औषधियां (जैसे शतावरी, जीवंती) पशु चिकित्सक की सलाह से दे सकते हैं।


4. देखभाल और प्रबंधन


  • नियमित दूध निकालना: दिन में 2-3 बार नियमित समय पर दूध निकालें। अधूरी दूध निकासी से उत्पादन कम हो सकता है।
  • स्वच्छता: बछड़े और भैंस के थन को साफ रखें ताकि मास्टाइटिस (थनैला रोग) न हो।
  • स्वस्थ पर्यावरण: भैंस को साफ, हवादार और आरामदायक गोशाला में रखें। गर्मी और ठंड से बचाव करें।
  • व्यायाम और आराम: भैंस को हल्का व्यायाम (चलने) का मौका दें और तनाव से बचाएं।


5. स्वास्थ्य जांच


  • टीकाकरण और कृमिनाशक दवाएं: नियमित टीकाकरण (FMD, HS) और कृमिनाशक (Deworming) दवाएं दें।
  • पशु चिकित्सक सलाह: दूध कम होने पर पशु चिकित्सक से जांच कराएं, क्योंकि बीमारी (जैसे मास्टाइटिस) या पोषण की कमी इसका कारण हो सकती है।


6. विशेष टिप्स


  • आहार में बदलाव धीरे-धीरे करें: अचानक आहार बदलने से पाचन खराब हो सकता है।
  • बछड़े का ध्यान: अगर बछड़ा दूध पीता है, तो उसे नियंत्रित मात्रा में दूध दें ताकि अधिक दूध उपलब्ध हो।
  • मौसमी चारा: मौसम के अनुसार चारा बदलें, जैसे गर्मियों में हरा चारा और सर्दियों में साइलेज।


नमूना आहार (प्रति दिन एक दूध देने वाली भैंस के लिए):


  • हरा चारा: 25-30 किलो
  • सूखा चारा: 5-6 किलो
  • दाना मिश्रण: 3-5 किलो
  • मिनरल मिक्सचर: 50-100 ग्राम
  • नमक: 30-50 ग्राम
  • पानी: 60-80 लीटर


सावधानियां:


  • खराब या सड़ा हुआ चारा न खिलाएं।
  • अचानक दाना या चारा बढ़ाने से बचें।
  • पशु चिकित्सक से नियमित जांच कराएं।


इन उपायों को अपनाकर भैंस का दूध उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार हो सकता है। अगर विशेष समस्या हो, तो स्थानीय पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

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