अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर तनाव: अफगान तालिबान का पाकिस्तानी चौकियों पर हमला
हाल ही में, 11 अक्टूबर 2025 की रात को अफगानिस्तान के तालिबान बलों ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला किया। यह हमला पाकिस्तान द्वारा 9-10 अक्टूबर को अफगानिस्तान के काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका प्रांतों में किए गए हवाई हमलों का जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है। इन हमलों में पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसमें टीटीपी प्रमुख नूर वली मेहसूद को मारने का दावा किया गया, हालांकि टीटीपी ने मेहसूद के सुरक्षित होने का ऑडियो जारी किया।मुख्य घटनाक्रम:
ये आंकड़े विभिन्न स्रोतों (रॉयटर्स, गार्जियन, आज तक) से लिए गए हैं और वास्तविक संख्या बदल सकती है।पृष्ठभूमि और कारण:
- 9-10 अक्टूबर 2025: पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में ड्रोन और हवाई हमले किए, जिनमें काबुल के अब्दुल हक स्क्वायर के पास विस्फोट हुए। अफगान तालिबान सरकार ने इसे "संप्रभुता का उल्लंघन" बताते हुए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तान का दावा है कि ये हमले टीटीपी के आतंकी ठिकानों पर थे, जो अफगानिस्तान से पाकिस्तान पर हमले कर रहे हैं।
- 11 अक्टूबर 2025: जवाब में, अफगान तालिबान ने नंगरहर, कुनार, हेलमंड, पक्तिया और कुर्रम जैसे सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी चौकियों पर हमला किया। अफगान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह खावरजमी ने इसे "पाकिस्तानी हवाई उल्लंघन का जवाब" बताया। हमले में आर्टिलरी और भारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ, और अफगान दावों के अनुसार, कई पाकिस्तानी चौकियां नष्ट हो गईं।
- हाल की स्थिति (12 अक्टूबर सुबह तक): सीमा पर 5-7 स्थानों पर भारी गोलीबारी और झड़पें जारी हैं। अफगानिस्तान ने दावा किया है कि उन्होंने 7 बॉर्डर पॉइंट्स पर हमले किए, जबकि पाकिस्तान ने इसे "अवैध घुसपैठ" बताते हुए जवाबी कार्रवाई की।
पक्ष | हताहत (अनुमानित) | अन्य नुकसान |
---|---|---|
पाकिस्तान | 5-12 सैनिक मारे गए, कई घायल; 3 नागरिक मारे गए | कई चौकियां नष्ट, हथियार जब्त; पाकिस्तानी जेट्स को नुकसान की अफवाहें (असत्यापित) |
अफगानिस्तान | कोई आधिकारिक हताहत रिपोर्ट नहीं; पाकिस्तानी दावों के अनुसार कुछ तालिबान सैनिक मारे गए | सीमावर्ती इलाकों में नागरिक विस्थापन |
- टीटीपी का मुद्दा: पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान टीटीपी को शरण दे रहा है, जो 2021 से अब तक सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या कर चुका है। टीटीपी और अफगान तालिबान वैचारिक रूप से जुड़े हैं, लेकिन अफगानिस्तान इन आरोपों से इनकार करता है।
- सीमा विवाद: डुरंड लाइन (2,600 किमी लंबी सीमा) को अफगानिस्तान मान्यता नहीं देता। 2024 से दोनों देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर हमले बढ़े हैं, जिसमें नागरिक हताहत भी हुए हैं।
- क्षेत्रीय संदर्भ: यह घटना अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के भारत दौरे (9-16 अक्टूबर) के दौरान हुई, जिससे पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ी। तालिबान ने हाल ही में भारत के पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की, जो पाकिस्तान को "आंतरिक मुद्दा" बताने वाले संयुक्त बयान से जुड़ा है। ईरान ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
- क्षेत्रीय तनाव: यह 2025 अफगानिस्तान-पाकिस्तान संघर्ष का हिस्सा बन सकता है, जो पहले से ही टीटीपी, बालोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे समूहों से प्रभावित है। भारत के लिए यह अवसर हो सकता है, क्योंकि अफगानिस्तान के साथ संबंध मजबूत हो रहे हैं।
- पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: पाकिस्तान ने सऊदी अरब से मध्यस्थता मांगी है और कहा है कि "अफगानिस्तान को आतंकवाद रोकना होगा"। यदि हमले बढ़े, तो व्यापक संघर्ष का खतरा है।
- वैश्विक चिंता: अमेरिका और चीन जैसे देश निगरानी कर रहे हैं, क्योंकि यह दक्षिण एशिया की स्थिरता प्रभावित कर सकता है।
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