सिन्धु घाटी सभ्यता मुख्य खोज पुरातात्विक स्थल, प्राचीन शहर
सिन्धु घाटी सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है, विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। यह सभ्यता लगभग 3300 ईसा पूर्व से 1300 ईसा पूर्व तक उत्तर-पश्चिमी भारतीय उपमहाद्वीप में फली-फूली, जो आज के पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिमी भारत का हिस्सा है। इस सभ्यता के प्रमुख पुरातात्विक स्थल और प्राचीन शहर न केवल इसकी उन्नत शहरी नियोजन और वास्तुकला के प्रमाण हैं, बल्कि मानव सभ्यता के विकास में इसके महत्व को भी दर्शाते हैं। नीचे इस सभ्यता के मुख्य पुरातात्विक स्थलों और प्राचीन शहरों की जानकारी दी गई है।
प्रमुख पुरातात्विक स्थल और प्राचीन शहर
- 1.हड़प्पा (Harappa)
- स्थान: वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में।
- खोज: 1921 में दयाराम साहनी द्वारा।
- विशेषताएँ: हड़प्पा इस सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल है। यहाँ की खुदाई से उन्नत जल निकासी प्रणाली, किलेबंदी, और विशाल अनाज भंडारगृह मिले हैं। सड़कें ग्रिड पैटर्न में व्यवस्थित थीं, जो उस समय के लिए अत्यंत उन्नत शहरी नियोजन को दर्शाती हैं।
- 2.मोहनजो-दारो (Mohenjo-Daro)
- स्थान: वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में।
- खोज: 1922 में राखलदास बनर्जी द्वारा।
- विशेषताएँ: मोहनजो-दारो का अर्थ है “मृतकों का टीला”। यह सभ्यता का सबसे बड़ा और सबसे अच्छी तरह से संरक्षित शहर है। यहाँ का महान स्नानागार (Great Bath) विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जो संभवतः धार्मिक या सामाजिक समारोहों के लिए उपयोग किया जाता था। यहाँ की जल निकासी प्रणाली में ढकी हुई नालियाँ और मैनहोल शामिल थे।
- 3.धोलावीरा (Dholavira)
- स्थान: वर्तमान भारत के गुजरात राज्य में, कच्छ के रण में।
- खोज: 1967-68 में जगत पति जोशी द्वारा।
- विशेषताएँ: धोलावीरा इस सभ्यता के सबसे बड़े स्थलों में से एक है। यहाँ विशाल जल संग्रहण प्रणाली, किलेबंदी, और एक स्टेडियम जैसी संरचना मिली है। शहर को तीन भागों में विभाजित किया गया था: गढ़, मध्य नगर, और निचला नगर।
- 4.लोथल (Lothal)
- स्थान: वर्तमान भारत के गुजरात राज्य में।
- खोज: 1954 में एस. आर. राव द्वारा।
- विशेषताएँ: लोथल एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। यहाँ एक विशाल गोदी (dockyard) मिला है, जो समुद्री व्यापार के लिए उपयोग की जाती थी। यहाँ कृत्रिम ईंटों से बने मकान, जल निकासी प्रणाली, और कारीगरों के कार्यस्थल भी मिले हैं।
- 5.कालीबंगा (Kalibangan)
- स्थान: वर्तमान भारत के राजस्थान राज्य में।
- खोज: 1953 में ए. घोष द्वारा।
- विशेषताएँ: कालीबंगा में प्रारंभिक हड़प्पा काल के अवशेष मिले हैं। यहाँ अग्नि-वेदिकाएँ (fire altars) मिली हैं, जो संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग की जाती थीं। यहाँ भी ग्रिड पैटर्न में सड़कें और उन्नत जल निकासी प्रणाली थी।
सिन्धु घाटी सभ्यता की विशेषताएँ
- शहरी नियोजन: सिन्धु घाटी के शहरों में ग्रिड पैटर्न में सड़कें, उन्नत जल निकासी प्रणाली, और सार्वजनिक स्नानागार थे।
- वास्तुकला: मकान कच्ची और पक्की ईंटों से बने थे, और कई में कुएँ और स्नानघर थे।
- लेखन प्रणाली: इस सभ्यता में एक लेखन प्रणाली थी, जो मुहरों और टैबलेटों पर पाई गई है, लेकिन अभी तक इसे समझा नहीं जा सका है।
- व्यापार: इस सभ्यता के लोग मेसोपोटामिया और अन्य क्षेत्रों के साथ व्यापार करते थे।
निष्कर्ष
सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रमुख पुरातात्विक स्थल जैसे हड़प्पा, मोहनजो-दारो, धोलावीरा, लोथल, और कालीबंगा हमें उस समय की उन्नत शहरी नियोजन, वास्तुकला, और सामाजिक-आर्थिक जीवन की जानकारी देते हैं। यह सभ्यता भारतीय उपमहाद्वीप और विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
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