प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना PMMVY 2025: गर्भवती महिलाओं के लिए ₹11,000 तक की सहायता, जानें कैसे
सीधा उत्तर
मुख्य बिंदु:
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे उनके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार हो सके।
- यह योजना पहली बार माता बनने वाली महिलाओं को ₹5,000 की राशि तीन किश्तों में देती है, जो वेतन हानि की भरपाई के लिए है।
- पात्रता में 19 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं शामिल हैं, जिनका पहला जीवित बच्चा है और जिनकी गर्भावस्था 01.01.2017 के बाद शुरू हुई है।
- हाल ही में, 15 अगस्त 2025 तक विशेष पंजीकरण अभियान बढ़ाया गया है, जिससे और अधिक महिलाओं को लाभ मिल सके।
योजना का परिचय:
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो 1 जनवरी 2017 से लागू है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को वित्तीय सहायता देकर उनके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना है, साथ ही प्रसव और बच्चे की देखभाल के दौरान वेतन हानि की कुछ हद तक भरपाई करना है।
पात्रता और लाभ:
- पात्रता: यह योजना 19 वर्ष से अधिक उम्र की उन महिलाओं के लिए है जिनका पहला जीवित बच्चा है, और जिनकी गर्भावस्था 01.01.2017 के बाद शुरू हुई है। नियमित सरकारी नौकरी या समान लाभ पाने वाली महिलाएं अयोग्य हैं।
- लाभ: ₹5,000 की राशि तीन किश्तों में दी जाती है:
- पहली किश्त: ₹1,000 – गर्भावस्था के 180 दिनों के भीतर पंजीकरण पर।
- दूसरी किश्त: ₹2,000 – गर्भावस्था के 6 महीने बाद एक प्रसूति जांच पर।
- तीसरी किश्त: ₹2,000 – बच्चे का जन्म पंजीकृत होने और टीकाकरण पर।
- जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत अतिरिक्त लाभ भी मिल सकता है, जिससे कुल राशि ₹11,000 तक हो सकती है।
आवेदन प्रक्रिया:
आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmmvy.wcd.gov.in/ पर जाएं, मोबाइल नंबर दर्ज करें, सत्यापित करें, और निकटतम आंगनबाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य सुविधा पर फॉर्म जमा करें।
हालिया अपडेट:
15 अगस्त 2025 तक विशेष पंजीकरण अभियान बढ़ाया गया है, और अब तक 4.05 करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ मिल चुका है, जिसमें ₹19,028 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई है।
विस्तृत रिपोर्ट
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण मातृत्व लाभ योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि उनके स्वास्थ्य, पोषण और प्रसव के दौरान वेतन हानि की भरपाई हो सके। यह योजना 1 जनवरी 2017 से लागू है और इसे एकीकृत बाल विकास सेवाओं (ICDS) के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से लागू किया जाता है। नीचे दी गई जानकारी इस योजना के सभी पहलुओं को विस्तार से कवर करती है, जिसमें पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया, और हालिया अपडेट शामिल हैं।
योजना का इतिहास और उद्देश्य
PMMVY की शुरुआत 2017 में हुई थी, हालांकि इसका पूर्व नाम इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY) था, जो 2010 में प्रायोगिक आधार पर शुरू हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती
महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को वित्तीय सहायता देकर उनके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना है, ताकि वे प्रसव और बच्चे की देखभाल के दौरान पर्याप्त आराम कर सकें। यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं पर ध्यान देती है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्ग से आती हैं।
उद्देश्यों में शामिल हैं:
- पहली जीवित बच्चे के जन्म से पहले और बाद में वेतन हानि की आंशिक भरपाई करना।
- स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग बढ़ाना, जैसे प्रसूति जांच और टीकाकरण।
- लड़की बच्चे के प्रति सकारात्मक रवैया बढ़ावा देना, विशेष रूप से दूसरी लड़की बच्चे के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन (कुछ राज्यों में लागू)।
पात्रता मानदंड
PMMVY के तहत पात्रता निम्नलिखित शर्तों पर आधारित है:
- आवेदक महिला की आयु 19 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- यह योजना पहली बार माता बनने वाली महिलाओं के लिए है, अर्थात् जिनका पहला जीवित बच्चा है।
- गर्भावस्था की तारीख 01.01.2017 के बाद होनी चाहिए, जो मां और बच्चे की सुरक्षा (MCP) कार्ड में अंतिम मासिक धर्म की तारीख (LMP) के आधार पर निर्धारित की जाती है।
- महिला का आधार-लिंक्ड बैंक खाता होना आवश्यक है।
- निम्नलिखित महिलाएं अयोग्य हैं:
- केंद्र/राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) में नियमित रूप से कार्यरत महिलाएं।
- जो अन्य किसी कानून या योजना के तहत समान लाभ प्राप्त कर रही हैं।
लाभ और किश्तें
PMMVY के तहत लाभार्थियों को ₹5,000 की राशि तीन किश्तों में प्रदान की जाती है, जो निम्नलिखित शर्तों पर आधारित है:
किश्त | शर्तें | राशि (₹) |
---|---|---|
पहली | गर्भावस्था के 180 दिनों के भीतर पंजीकरण (MCP कार्ड में) | 1,000 |
दूसरी | गर्भावस्था के 6 महीने बाद कम से कम एक प्रसूति जांच | 2,000 |
तीसरी | बच्चे का जन्म पंजीकृत होना और पहला टीकाकरण चक्र (BCG, OPV, DPT, Hepatitis-B) पूरा होना | 2,000 |
इसके अतिरिक्त, यदि लाभार्थी जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत पात्र है और संस्थागत प्रसव कराती है, तो उसे अतिरिक्त ₹6,000 तक का लाभ मिल सकता है, जिससे कुल लाभ ₹11,000 तक हो सकता है।
आवेदन प्रक्रिया
आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी की जा सकती है:
- आधिकारिक वेबसाइट https://pmmvy.wcd.gov.in/ पर जाएं।
- 10 अंकों का मोबाइल नंबर दर्ज करें और “सत्यापित” बटन पर क्लिक करें।
- अपना नाम और लाभार्थी के साथ संबंध चुनें।
- मोबाइल पर भेजे गए OTP को दर्ज करें।
- PMMVY नागरिक होम पेज पर पहुंचें और लाभार्थी आवेदन फॉर्म भरें।
- फॉर्म जमा करें और निकटतम आंगनबाड़ी केंद्र (AWC) या स्वास्थ्य सुविधा पर जमा करें।
- आवेदन की स्थिति ट्रैक करने के लिए वेबसाइट का उपयोग करें।
हरियाणा जैसे राज्यों में, आवेदन प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त शुल्क हो सकता है, जैसे कि आंगनबाड़ी केंद्र पर ₹10 और Atal Seva Kendra (CSC) पर ₹10।
हालिया अपडेट और प्रदर्शन
2025 में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने PMMVY के लिए विशेष पंजीकरण अभियान को 15 अगस्त 2025 तक बढ़ाया है। यह अभियान आंगनबाड़ी और ASHA कार्यकर्ताओं द्वारा दरवाजा-दरवाजा जाकर जागरूकता और पंजीकरण बढ़ाने के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य सभी पात्र गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को योजना के तहत लाना है।
अब तक की प्रगति के अनुसार, 31 जुलाई 2025 तक, 4.05 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कम से कम एक किश्त का भुगतान किया जा चुका है, जिसमें कुल ₹19,028 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है। कुछ राज्यों, जैसे हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश, ने इस योजना के क्रियान्वयन में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। उदाहरण के लिए, हरियाणा ने 2019-20 में राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया था, और यमुनानगर तथा पंचकुला जिलों को उत्तरी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया था।
वित्तीय और प्रशासनिक विवरण
PMMVY एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जिसमें केंद्र और राज्य के बीच 60:40 के अनुपात में वित्तीय साझेदारी है। हरियाणा जैसे राज्यों में, आरटीएस समय सीमा 30 दिन है, और योजना के लिए हेल्पलाइन नंबर (0172-3968400) और ईमेल (saral.haryana@gov.in) के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता योजना है, जो उनके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाने के साथ-साथ आर्थिक सहायता प्रदान करती है। 15 अगस्त 2025 तक चल रहे विशेष पंजीकरण अभियान के साथ, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अधिक से अधिक पात्र महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकें। यदि आप और जानकारी चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्र से संपर्क करें।
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