यहाँ भगवान श्री कृष्ण को समर्पित एक सुंदर भजन “अच्चुतम केशवम” के हिंदी लिरिक्स दिए जा रहे हैं। यह भजन बहुत लोकप्रिय और मधुर है, जो श्री कृष्ण की भक्ति को व्यक्त करता है।



अच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरम
लिरिक्स:


अच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरम,
राम नारायणम जानकी वल्लभम।
कौन कहता है भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।


पहला अंतरा:


नन्द के आनंद भयो, जय यशोदा के लाल,
जय जय गोकुल के सांवरे, मुरली मनोहर बाल।
श्री राधे राधे, श्री राधे राधे,
कौन कहता है भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।


दूसरा अंतरा:


श्री गिरधारी लाल, नन्दलाल की जय,
माखन चोर मुरारी, मुरली वाल की जय।
यमुना तट पर, बंसी बजाये,
राधा संग नाचे, श्याम धनाये।
कौन कहता है भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।


तीसरा अंतरा:


जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का,
सब सुख मिले, जीवन सफल हो, जब कृष्ण जपे मन का।
श्री राधे राधे, श्री राधे राधे,
कौन कहता है भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।


चौथा अंतरा:


वृंदावन में बंसी, गूंजे राधा नाम,
प्रेम भक्ति में डूबा, हर भक्त का धाम।
कृष्ण कन्हैया की जय, राधा रानी की जय,
कौन कहता है भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।


यह भजन भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं और भक्ति का सुंदर चित्रण करता है। इसे गाते समय मन में भक्ति और शांति का अनुभव होता है। अगर आप किसी और भजन के लिरिक्स चाहें या इस भजन का कोई विशेष संस्करण सुनना चाहें, तो मुझे बताएँ!